विशिष्ट आयोजन
वर्तमान सन्दर्भो में समिति, हिन्दी के प्रसार के साथ साथ सभी भारतीय भाषाओ के बीच सम्वाद प्रक्रिया आरम्भ कर भाषायी समन्वयन तथा सूचना तकनीक के क्षेत्र में हिन्दी के प्रयोग को बढावा देने की दिशा में क ाम कर रही है। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु समिति ने कई कार्यशालाए आयोजित की है।
समिति के संस्कृत शोध केन्द्र का शुभारंभ भारत के राष्ट्रपति महामहिम श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटील द्वारा दि. २८ जून २००८ को।
श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति द्वारा आरंभित संस्कृत शोध केन्द्र का शुभारंभ भारत की राष्ट्रपति महामहिम श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटील ने किया । देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त इस शोध केन्द्र के शुभारंभ समाहरोह में मध्यप्रदेश के राज्यपाल महामहिम डॉ.बलराम जाखड़ तथा मुख्यमंत्री माननीय श्री शिवराजसिंह चौहान भी उपस्थित थे ।
कंप्यूटर के संचालन के लिए संस्कृत सर्वश्रेठ भाषा है ये भी एक स्थापित तथ्य है । प्राचीनतम शास्त्रों और सिध्दातों की अभिव्यक्ति का माध्यम रही ये भाषा नई तकनीक और विज्ञान को भी एक नई दिशा देने में समर्थ हैं । वैज्ञानिक युग में रहने वाले लोगों के मन में इस भाषा के प्रति लगाव बढे तथा इसके तकनीकी और वैज्ञानिक प्रयोग की संभावनाओं का दोहन अनुसंधान के क्षेत्र में किया जा सके इस उद्देश्य को लेकर श्री मध्यभारत हिंन्दी साहित्य समिति, इंदौर में संस्कृत शोध केन्द्र की स्थापना की गई है.
संस्कृत के अध्ययन, अध्यापन और शोध को नई दिशा के उद्देश्य से आरंभित इस संस्थान में पुरातन पाण्डुलिपियों के साथ-साथ अद्यतन साहित्य का समृध्द भण्डार है जो शोधार्थियों के लिए अत्यधिक उपयोगी सिध्द होगा । इंटरनेट के माध्यम से ये संस्थान विश्व के लगभग सभी शोध केन्द्रों से जुड़ा हैं । शोधार्थियों के लिए यहाँ उच्चस्तरीय शैक्षणिक सुविधाओं से युक्त शोधकक्ष भी बनाए गए हैं । शोध विद्यार्थियों कों मार्गदर्शित करने हेतु केन्द्र के विशेषज्ञों के अतिरिक्त समय-समय पर विभिन्न विषयों के विद्वानों को आमंत्रित किया जाता है ताकि उनकी जिज्ञासाओं का समाधान हो और उनका शोध कार्य समाज और देश के लिए उपयोगी हो सकें ।
समिति निकट भविष्य में इस शोध केन्द्र में राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय स्तर की शोध संगोष्ठियॉ आयोजित करने की कार्ययोजना बना रही हैं। संस्कृत शोध केन्द्र के बारे में और जानकारी www.sanskritshodh.org पर उपलब्ध है ।