विशिष्ट आयोजन
वर्तमान सन्दर्भो में समिति, हिन्दी के प्रसार के साथ साथ सभी भारतीय भाषाओ के बीच सम्वाद प्रक्रिया आरम्भ कर भाषायी समन्वयन तथा सूचना तकनीक के क्षेत्र में हिन्दी के प्रयोग को बढावा देने की दिशा में काम कर रही है। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु समिति ने कई कार्यशालाए आयोजित की है।
वीणा अमृतोत्सव वर्ष समारोह, हैदराबाद ,वर्ष २००३
समिति की मासिक पत्रिका वीणा के अमृतोत्सव वर्ष के
उपलक्ष्य में केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय के सहयोग से
हैदराबाद में एक विशिष्ट आयोजन किया गया.
दिनांक १५-१६ मार्च सन् २००३ को हुए इस
आयोजन में दक्षिण भारत के कई हिन्दी सेवियों ने भाग लिया .
इस आयोजन के जरिये समिति दक्षिण भारत के वरिष्ठ एवं
तपस्वी अहिन्दी भाषी हिन्दी साहित्यकारों को उनकी हिन्दी
सेवा के लिए सम्मानित कर वहाँ हिन्दी के प्रति एक नई चेतना
जागृत करना चाहती थी। समिति का उद्देद्गय यह भी
था कि दक्षिण भारत एवं शेष भारत के हिन्दी साहित्यकारों के मध्य भाषा
एवं साहित्य के संबंध में विचारों का आदान-प्रदान हो, हिन्दी के लिए कार्य कर रही संस्थाएँ उत्साहित हों तथा नई पीढ़ी के लेखक हिन्दी के प्रति आकर्षित हों।
इस गरिमामय समारोह में दक्षिण भारत के विभिन्न प्रदेशो लगभग ४०० वरिष्ठ हिन्दीसेवियों तथा शेष भारत के हिन्दीसेवियों एवं विद्वानों को आमन्त्रित किया गया था। समारोह में तमिलनाडु के डॉ. बालशौरी रेड्डी , डॉ.एन.सुन्दरम्, डॉ.एम.शेषन,केरल के डॉ.आरसु तथा आन्ध्रप्रदेश के श्री मुनीन्द्रजी,डॉ.सी.नारायण रेड्डी, प्रो.भीमसेन
निर्मल, डॉ.विजय राघव रेड्डी,श्री बी.रामराजू,डॉ.उपेन्द्र, श्री वेमूरि आंजनेय शर्मा, दासरथी रंगाचार्य तथा डॉ.राजकिशोर पाण्डेय को उनकी दीर्घकालीन हिन्दीसेवाओं के लिए सम्मानित किया गया। इस तरह यह समारोह दक्षिण एवं उत्तर भारत के हिन्दी साहित्यकारों के संगम तथा उनके मध्य राष्ट्रभाषा हिन्दी को दक्षिण भारत के जन-जन से जोडने के विषय में विचारविनिमय का सशक्त माध्यम बना। अधिवेशन में आयोजित विभिन्न विचार सत्रों में दक्षिणात्य हिन्दीसेवियों का प्रदेय, समस्याएँ एवं समाधान, भारतीय भाषाएँ और राष्ट्रीय चेतना-समन्वय की दिशाए तथा भाव विनिमय में साहित्यिक पत्रिकाओं की भूमिका आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई । इस तरह यह कार्यक्रम अपने उद्देश्य में सफल रहा।